चीन में कोरोनावायरस फैलने से वहां फंसे खरगोन के दो मेडिकल छात्र रविवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। केंद्र सरकार व विदेश मंत्रालय ने चीन में फंसे भारतीय छात्रों की मदद के लिए एयर इंडिया का जंबो विमान 747 भेजा था। इसमें 324 भारतीयों के साथ ये भी शामिल थे। सभी की सुबह 9 बजे एयरपोर्ट पर सुरक्षित जांच हुई। खरगोन के शुभम गुप्ता व गोगावां के अब्दुल मतीन ने दोपहर बाद बात की। शुभम ने परिजनों से कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है, अधिकांश लोगों में कोरोना जैसे कोई लक्षण नहीं हैं।
उन्होंने परिजन को बताया कि एयरपोर्ट के अंदर एयरलाइंस कर्मचारियों ने कोरोना वायरस से बचाव वाले कपड़े पहनकर हमारी जांच की। सिर पर एक विशेष प्रकार का पहचान चिन्ह लगाकर कूपन बना दिया गया। इसके बाद गुड़गांव के मानेसर स्थित सेना के विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर में भेज दिया गया। शिविर में ब्लड-यूरीन व लार के सैंपल लिए गए। दोनों छात्रों को अलग-अलग स्थानों पर रखा गया है। स्वास्थ्य संबंधी हमें कोई परेशानी नहीं है। शिविर में भोजन के रूप में तुअर की दाल, रोटी व चावल मिला। दो दिन थकावट के कारण आराम कर रहे हैं। अभी चिंतित हैं, क्योंकि रिपोर्ट आने के बाद ही वायरस के बारे में जानकारी मिल पाएगी।
परिजन बोले- छात्रों के भारत लौटने पर हम खुश
शुभम व मतीन के भारत पहुंचने व बात करने के बाद राहत महसूस की। शुभम के पिता संतोष व मतीन के पिता सलीम ने बताया कि हम चिंतित थे। भारत लौटने के बाद हमें खुशी है। अब 14 दिन तक चिकित्सा जांच के बाद उनसे मुलाकात हो पाएगी। परिजनों ने दैनिक भास्कर सहित केंद्र सरकार व उसके विदेश मंत्रालय व मप्र सरकार का आभार माना।
शुभम ने कहा- चिंता की कोई बात नहीं
रविवार को दोपहर बाद शुभम ने पिता संतोष व माता मनीषा से मोबाइल पर बात की। शुभम ने बताया कि चिंता की कोई बात नहीं है। अधिकांश लोगों में कोरोना जैसे कोई लक्षण नहीं है। ऐहतियातन हमारी जांचें हो रही हैं। मतिन ने बताया कि पिताजी से चर्चा हुई है। डॉक्टरों व सेना के अफसरों ने कहा कि जांच रिपोर्ट के बाद ही आप किसी से मिल पाएंगे। शुभम व मतीन बताते हैं कि हमें 14 दिन तक कैंप में रहना होगा। सैंपल की रिपोर्ट आने में 7 दिन लगेंगे। राेजाना जांचें व इलाज चलेगा।
रोहित का नाम सूची में नहीं, सांसद ने विदेश मंत्रालय से की बात
चीन के हूंजा शहर में होटल मैनेजमेंट की छह माह की इंटर्नशिप करने गए रोहित राकेश नायर का नाम सूची में नहीं आया है। वह हूंजा में ही है। पिता राकेश ने बताया पहले बेंगलुरु के होटल मैनेजमेंट कॉलेज संचालकों ने कहा कि शनिवार को रोहित भी लौट आएगा लेकिन उसे नहीं लाया जा सका। रविवार को सांसद गजेंद्र पटेल से चर्चा हुई है। सांसद ने विदेशमंत्री जयशंकर से चर्चा की है। दो-तीन दिन में रोहित भारत आ सकता है। 15 दिन पहले ही रोहित बैंगलुरु से चीन पढ़ाई करने पहुंचा था। वुहान से हूंजा शहर 800 किलोमीटर दूर है। वहां वायरस का असर कम बताया जा रहा है।
तीन मेडिकल छात्र 12 को ही आ गए, फिर नहीं गए
चीन में कोरोना वायरस फैलने के पहले खरगोन शहर के तीन विद्यार्थी लौट आए। जानकारी के मुताबिक 12 जनवरी को दो छात्रा व एक छात्र लौटे थे। खरगोन के हुमा खान, कृतिका रघुवंशी व रूपेश गुप्ता लौटे हैं। डीआरपी लाइन निवासी एक छात्र का इंदौर एमवाय में 3 दिन से इलाज चल रहा है। उसे गले में में संक्रमण है। उसकी जानकारी लगने पर उसे इंदौर भेजा गया।
चीन में डाॅक्टर की पढ़ाई कर रहे हैं खरगोन के छात्र
विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वायरस के लक्षण 14 दिन के बाद ही सामने आते हैं। शुभम व मतीन चीन के शियान हुबेई प्राविंस में दो साल से डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं। वे पिछले 10 दिन से होस्टल में फंसे थे। वहां कोरोना वायरस फैलने के कारण भयभीत होकर घर लौटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम वीडियो जारी कर विदेश मंत्रालय से सुरक्षित निकालने की गुहार लगाई थी। उसके बाद मंत्रालय ने भारतीयों को सकुशल देश लौटाने के लिए विमान भेजा।